बुआजी की याद में (29 अप्रैल 2016 )

श्रीमती रामदुलारी देवी (1929 - 2016)


हे शांति मूर्ति सम देवदूत 

तुम्हारे यूँ जाने से 

परम शांति में दबे पांव 

हम सभी शोक संतप्त !

जब कभी हुए हम विकल 

अपनी मां की गोंद नहीं 

हम खोजें तेरा आँचल

मां का नेह , पिता की सीख 

गुरु सा ज्ञान , किया जो तुमने हमें प्रदान 

तुम्हारे सभी दान का ऋण 

नहीं हो सकते कभी उऋण 

तुम्हारे कर्मभूमि के ग्राम 

लोग कर रहे कीर्ति बखान 

मिले तव सकल शांति विश्राम  

किन्तु वह दुर्लभ ममता तत्व 

मैं अश्रुपूर्ण संतप्त !!

© अमित तिवारी

(मैं अपनी शिक्षा के लिए हमारी बुआ जी श्रीमती रामदुलारी देवी जी का ऋणी हूँ। बुआ जी प्राथमिक विद्यालय मलिकपुर नोनरा में शिक्षिका थी। मेरे प्रति उनका स्नेह सदैव मेरे लिए प्रेरणाप्रद रहेगा। उनका देहावसान 18 अप्रैल 2016 को हो गया किन्तु आज भी मैं उनके मेरे प्रति स्नेह को महसूस करता हूँ। उनकी याद में ये पंक्तियाँ मैंने 29 अप्रैल 2016 को लिखी थी।)

Comments

Popular posts from this blog

A Casual Visit

Indian Statistical Institute (भारतीय सांख्यिकी संस्थान )

गंवई पंचाइत