अरुण अब हुआ अस्त (25 अगस्त 2019)
धरा से अंधकार को करने को निर्मूल
निशा का तमस गया आमूल चूल
अरुण का इतना ही उद्देश्य
अरुण कब हुए दीर्घजीवी?
मिला कब पृष्ठभूमि को श्रेयहमेशा अग्रभाग ही प्रधान
रथी का बल तेजस चातुर्य
हमेशा पाता है गुणगान ||
अरुण वह पृष्ठभूमि था
रवि का बलो-तेज प्रेरणास्रोत
मगर अब तमस कहाँ?
रवि हुए उदय
मगर वह अरुण अस्त
प्राची में अब वह अरुण अस्त ||
© अमित तिवारी
(ये रचना 25 अगस्त 2019 को लिखी गयी)
bahut badhiya bhaiya ji aap ki lekhni ko pranam🙏🙏
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